रंग मोहब्बत के भर लें सारे, आ इस जिंदगी में,
कुछ ना बाकि रह जाए अधूरा , इस जन्म में।
मरने से पहले आ चल जी लें ज़रा,
तोड़ दें बंधन सारे, जीने के कायदे बदल दें ज़रा
चल आज बेपरवाह होते हैं थोड़ा।
तू घुल जा इश्क़ में मेरे , मिश्री की तरह
और मैं नमक बन जाऊँ, तेरी जिंदगी का।
सागर में जैसे उफनती लहरें,
कुछ वैसी ही है आज, मेरे दिल की धड़कन।
दुनिया तोड़ दे इससे पहले , तेरे-मेरे ख़्वाबों का घर
चल "हम" बन जाते हैं आज, छोड़कर "मैं" होने का दम्भ।
रंग लेते हैं मोहब्बत के रंगों से , आ अपने ख़्वाबों का घर,
भूल जाते हैं आज धर्म और जाति को अपनी,
मोहब्बत को अपना धर्म मान लेते हैं,
चल आज तू और मैं, हम बन जाते हैं।
Shrishti pandey
16-Dec-2021 03:00 PM
Nice one
Reply
Abhinav ji
16-Dec-2021 12:14 AM
बहुत बढ़िया
Reply
Niraj Pandey
15-Dec-2021 11:40 PM
बहुत खूब
Reply